यह अधिनियम संविधान के अनुच्छेतद 253 सह पठित संघ सूची की मद क्रम संख्यां 13 के अंतर्गत अधिनियमित किया गया है। यह एशियाई एवं प्रशांत क्षेत्र में दिव्यांग व्यक्तियों की पूर्ण भागीदारी और समानता की उद्घोषणा को कार्यान्वित करता है और उनकी शिक्षा, उनके रोजगार, बाधारहित परिवेश का सृजन, सामाजिक सुरक्षा, इत्यादि का प्रावधान करता है। इस अधिनियम के कार्यान्वयन के लिए विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों, राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों, स्थानीय निकायों सहित यथोचित सरकारों द्वारा एक बहु कार्यक्षेत्र सहयोगात्माक दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है।
दिव्यांग व्यक्ति (समान अवसर, अधिकारों का संरक्षण और पूर्ण भागीदारी) अधिनियम, 1995 size:( 7.78 MB)
यह अधिनियम राष्ट्रींय न्यास के गठन, स्थायनीय स्तर समितियां, न्यास की जवावबदेही और निगरानी का प्रावधान करता है। इसमें दिव्यांग व्यरक्तियों के चार वर्गों के कानूनी अभिरक्षकों और उनके लिए यथासंभव स्वातंत्र जीवनयापन के लिए समर्थकारी परिवेश के सृजन के प्रावधान करता है।
यह अधिनियम, पुनर्वास पेशेवरों के प्रशिक्षण, केन्द्रीय पुनर्वास रजिस्टर का अनुरक्षण करने, मान्याता प्राप्त पुनर्वास योग्यता, शिक्षण का न्यूनतम मानक इत्या्दि का विनियमन करने के लिए भारतीय पुनर्वास परिषद के गठन का प्रावधान करता है।
भारतीय पुनर्वास परिषद अधिनियम, 1992
निशक्त व्यक्ति अधिकार विधेयक, 2014
दिव्यांग अधिकारअधिनियम, 2016 size:( 12.3 MB)
दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2016
अंतिम नवीनीकृत : 2020-12-31 12:14:30